आखें गड़ाकर देखती रहूँ आसमान कि टूटेगा कोई तारा अभी और मैं झट से आँख मूंदकर आखें गड़ाकर देखती रहूँ आसमान कि टूटेगा कोई तारा अभी और मैं झट से आँख मूंदकर